Sanyukt Rashtra Sangh (संयुक्त राष्ट्र संघ)

Sanyukt Rashtra Sangh (संयुक्त राष्ट्र संघ) : 

परिचय / इतिहास :
                          अंतरराष्ट्रीय विवाद तथा संकट की स्थितियों से निपटने या शांति से सुलझाने के लिए सन 1899 में हेग (Hague) में अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित किया गया था और इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय विवादों को शांति से निपटने के लिए कन्वेंशन को बनाया गया एवं वर्ष 1902 में स्थाई मध्यस्थता न्यायालाय की स्थापना की गई (यह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की पूर्ववर्ती संस्था थी)
                                                                        प्रथम विश्व युद्ध के बाद युद्ध के परिस्थितीयों में पहिली बार सन 1919 में विचार किया गया और वर्साय की संधी बनाई गई जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढावा देणे व शांती और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए स्थापित किया गया था, यह संयुक्त राष्ट्र की पूर्व वर्ती संस्था लीग ऑफ नेशन्स थी.
     द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्रसंघ के बारे मे देशों के मन विचार आया, और विश्व युद्ध में विजयी होनेवाले देशोंने मिलकर एक संस्था बनाने, उसकी संरचना करणे और उसके सदस्य विश्व के राष्ट्र बने इसका नियोजन कर सके.
                           दूसरे विश्व युद्ध में लगभाग 40 मिलियन लोग मारे गए और 21 मिलियन लोग बेघर हो गए इतने नरसंहार के बाद पुरे विश्व को फिर से एक बार शांति की जरूरत थी. संयुक्त राष्ट्र का उदेश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व में शांति बनाये रखना और मानव अधिकारों का संरक्षण करना था.

Sanyukt Rashtra Sangh ki Sthapna kab hui (संयुक्त राष्ट्र संघ कि स्थापना कब हुई) :

               संयुक्त राष्ट्र संघ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जीसे दुनिया के 193 देशों ने मिलकर बनाया है. इस संगठन के स्थापना करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है की विश्व में शांति बनाए रखना, अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाए रखना, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति एवं मानव अधिकारोंको सुरक्षित रखना. मुख्य रूप से यह कार्य करने के लिए इस संगठन या संस्था की स्थापना की गई है. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को 50 देशों की सहमति से हुई थी.
                                                            इस संगठन के स्थापना करने के पीछे द्वितीय विश्व युद्ध एक मुख्य कारण बना, जब विश्व युद्ध खत्म हुआ तो विजेता राष्ट्र ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र नामक संगठन का निर्माण किया जिसका उद्देश्य यह था कि अगर भविष्य में फीर कभी विश्व युद्ध की तरह की युद्धजण्य परिस्थिती उभर के ना आए। आज की स्थिति में संयुक्त राष्ट्र में 193 देश या राष्ट्र शामिल है
 


Sanyukt Rashtra Sangh ke Sadasy (संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य) :

कुल सदस्य संख्या -  २००६ तक संयुक्त राष्ट्र में कुल १९२ सदास्य राष्ट्र थे लेकीन ११ जुलाई २०११ को दक्षिणी सूडान को संयुक्त राष्ट्र का १९३ वा सदस्य बनाया गया.

स्थायी सदस्य : स्थायी सदस्यों में चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ये पांच देश शामील है.

अस्थायी सदस्य: अस्थायी सदस्य देशो की सांख्य 10 है जो 2 साल के लिए रहते हैं और इन्हें हर दो साल के बाद सर्वसाधारण सभा में चुना जाता है.

भारत संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से एक है 26 जून 1945 को भारत ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर हस्ताक्षर कर के सदस्य बन गया, संयुक्त राष्ट्र की पुष्टि के बाद भारत 30 अक्टूबर 1945 को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ.

Sanyukt Rashtra Sangh ka Mukhyalay Kahan hai  (संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय कहां है):

संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में इस्ट नदी के किनारे ८५ लक्ष डॉलर में 7 हेक्टर भूमी खरीदके बनाया गया है. १९५२ में संगठन की इमारत बनके तैयार हो गई थी. इसके अलावा और महत्तवपूर्ण संस्थाएं भी हैं जो संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र तो नहीं हैं लेकिन उन्हें अधिक निर्णय लेणे की स्वतंत्रता दी गई है, जीनामेसे जिनेवा और कोपनहेगन मुख्य संस्थओ के साथ अन्य संस्थाएं भी है.

14 दिसंबर 1946 को संयुक्त राष्ट्र ने अपना मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका में रखने के पक्ष में मतदान किया गया था,

Sanyukt Rashtra Sangh ki Raj-bhasha (संयुक्त राष्ट्र संघ की राजभाषा) :

संयुक्त राष्ट्र में मुख्य 6 राजभाषा अधिकृत है. जीनमे अरबी, चीनी, अंग्रेजी, रूसी और स्पेनी है लेकिन अधिक संचालन में दो ही भाषाओं का उपयोग किया जाता है, जीनमे अंग्रेजी और फ्रांसिसी है. भारत लम्बे समय से हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा में शामिल करने का प्रयास कर रहा है. हिंदी भाषा विश्व में बोली जाने वाली दुसरी सबसे ज्यादा बोलणे वाली भाषा है इसिके आधार पर भारत यह दावा कर रहा है.

Sanyukt Rashtra Sangh ka Uddeshya (संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य):

संयुक्त राष्ट्र के मुख उद्देशों में युद्ध रोकना, मानवाधिकार की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रिया को कार्यरत रखना, सामाजिक और आर्थिक विकास उभारणा, जीवन स्तर/शैली सुधारना बिमारियों का इलाज खोजाना, सदस्य राष्ट्रों को अंतरराष्ट्रीय चिंताएं/समस्याये याद दिलाना उसी के साथ अंतरराष्ट्रीय समास्याएं संभालने का मौका देना, इन सभी उद्देशोंको सही से कार्यरत / निभाने के लिये 1948 में मानव अधिकारों की सर्वभौम घोषना प्रमाण की गई.

मानव अधिकार :

द्वितीय विश्व युद्ध में जो नरसंहार और मानव अधिकारों पर हुई जातती को मध्य नजर रखते हुए ऐसा नरसंहार, विश्वयुद्ध फिर कभी ना हो सके और मानव अधिकारों का संरक्षण किया जा सके और भविष्य में अन्य आने वाले संकटों को रोकने के लिए 1948 में सामान्य सभा ने मानव अधिकारों की सर्वभौम घोषना को स्वीकृत किया.

मानव अधिकारों के संबंध में सात संघ निकाय कार्यरत है.

१) मानव अधिकार संसद.

२) आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संसद.

३) जाति भेदभाव निष्कासन संसद.

४) नारी भेदभाव विरुद्ध निष्कासन संसद.

५) यातना विरुद्ध संसद.

६) बच्चों के अधिकारों का संसद.

७) प्रवासी कर्मचारी संसद.



संयुक्त राष्ट्र का सदस्य होणे के लाभ (Advantages of being an UNO member) :

आर्थिक सहायता: संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियां, विश्व बैंक समूह, आई एम एफ (IMF) से वित्त सहायता आसानी से मिलती है इस ऋण का उपयोग देश के विकास के लिए, अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है यह ऋण गैर संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को नहीं दिया जाता है.

आपदा कल में सहायता: अगर संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों राष्ट्र में त्सुनामी, बाढ़, महामारी, भूकंप, सुखा या किसी अन्य बडी आपदा के दौरन दुनिया से वित्त और तकनिकी मदद दी जाती है.

स्वास्थ्य क्षेत्र में मदद: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र की एक संघटना है. यह संगठना सदास्य देशोंके HIV / Aids, मलेरिया, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर जैसी अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्यांओं को कम करने में मदद करती है. अफ्रीका महाद्वीप के देशों में बच्चों के कुपोषण रोकने जैसे उपाय योजनायों का अधिक लाभ हुआ है.

मानव अधिकारों का संरक्षण: संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश इसके नियमों और सिद्धांतो का पालन करने के लिए बाध्य है. सभी सदस्य देशों को मौलिक मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए किसी भी देश में नस्ल, लिंग, धर्म, रंग, जाति के आधार पर उसके साथ भेदभाव नहीं कीया जाना चाहिए.



देश की संप्रभुता का संरक्षण (Protection of Country's Sovereignty): यदि कोई देश संयुक्त राष्ट्र का सदस्‍य है और कोई अन्य देश संयुक्त राष्ट्रके सदस्य देश की संप्रभुता पर हमला नहीं कर सकता, यदी ऐसा होता है तो संयुक्त राष्ट्र संघ हिंसक देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाता है।



Sanyukt Rashtra Sangh ke Kitne Ang Hai / Ghatak (संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने अंग है / या घटक है.) :

संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंग/घटक, जिन्हें स्थापना के समय तय किया गया था.

१) संयुक्त राष्ट्र महासभा.

२) सुरक्षा परिषद.

३) संयुक्त राष्ट्रएवं सामाजिक परिषद.

४) संयुक्त राष्ट्र न्यास परिषद.

५) अंतरराष्ट्रीय न्यायालय.

६) संयुक्त राष्ट्र सचिवालय.


निष्कर्ष (Conclusion) :

संयुक्त राष्ट्र संघ ने द्वितीय विश्व युध्द के बाद विश्व में शांती रखणे कि जो कोशिश की है वह काबिलेतारीफ है, लेकीन बहुत कमीयां भी है इस संगठन में. जिसे बदलना जरुरी है.
सदस्य सभी देशोंको संगठन ने काफी मदत भी कि है, लेकीन यह संगठन अमेरिका जैसे बडे राष्ट्र अगर गलती करते है तो उसपर प्रतिबंध नही लगा सकता अगर लगा भी डे तो इन देशोंको कोई फर्क नही पडणे वाला.
स्थायी सदस्य राष्ट्रोंकी संख्या बंधने कि आवश्यकता है, संगठन की स्थापना को आज लागभाग ७९ साल हो गये है, बिते सालोंमे भारत जैसे कई अन्य देश है जो उभर के सामने आये है और इन सभी देशोंको स्थायी सदस्यत्व मिलना चाहिये. अगर ऐसा नही होता है तो यह संगठन जो देशोंके हित के लिये बनाया गया था इसी के कारण अघटीत घटनाये चालू हो जायेगी. 

Sanyukt Rashtra Sangh Ka Flag (संयुक्त राष्ट्र संघ का झंडा)
Sanyukt Rashtra Sangh Ka Flag (संयुक्त राष्ट्र संघ का झंडा)






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