Saturn

Saturn in hindi : Shani Grah ke bare me : 


                             Saturn का निर्माण आज से लगब हग ४.५ अरब साल पहले हमारे सौरमंडल के बचे हुये मटेरीयल से बना है. Saturn के कोर णे उसके आंस पास घुमते हुये गैसेस को अपनी गुरुत्वाकर्षण से अपनी तराफ खींच लिया और लागभाग ४ अरब साल पहले सातुर्ण अपनी आजकी जागाह पर स्थापित हो गया और सुरज के चक्कर कातणे लगा 
                                शनी ग्रह हमारे सोलर सिस्टीम का दुसरा सबसे बडा Gas joint Planet है जो अपनी Iconic रिंग की वजह से जाना जाता है. शनी हमारे सोलर सिस्टीम में सूर्य से छटे नंबर पे आता है. हमारे सोलर सिस्टीम के ग्रहोंके डायमिटर की बात करेंगे तो दुसरा सबसे बडा ग्रह है. यह जुपीटर के बाद सबसे बडा ग्रह है जिसका डायमिटर लगभग १,१६,४६४ किलोमीटर है जिसके चारोंओर मुख्य सात पतली दिखने वाली डीस्क घुमती हुई नजर आती है जीसे शनी ग्रह के छल्ले (Saturn Rings) कहा जाता है. यदी इसकी कोर का और इसके छल्लो से मीलन किया जाये तो शनी ग्रह का पुरा आकार इसके छल्लो को मिलाकर २,८०,००० किलोमीटर डायमिटर तक पोहोंच जाता है शनी के छल्ले करोडो छोटे छोटे तुकाडो से मिलकर बने है जीसमे कुछ मिलीमीटर से लेकर कई किलोमीटर बडे बडे Asteroids भी है.

Saturn Planet (शनी ग्रह)
Saturn Planet (शनी ग्रह)

 शनी ग्रह हमारे सोलर सिस्टीम के ऊन पांच ग्रहोंमेसे एक है जिसे हम बीना किसी Telescope के अपनी नंगी आंखो से देख सकते है, पर इस ग्रह को Telescope से सबसे पहले १६१० में Galileo Galilei ने देखा था लेकीन उस समय उन्होने इस ग्रह को उसके छल्लो की वजहसे एक ट्रिपल स्टार स्टेज के रूप में पेहचाना था.जिसके बाद १६५५ में डच Astronomer Christiaan Huygens ने शनी के छल्लो को खोजा और उसका विश्लेषण किया था. शनी ग्रह कि पृथ्वी से दुरी और इसका आकार - ५८२३२ किलोमीटर की त्रिज्या वाला शनी ग्रह पृथ्वी से ९ गुण बडा है, जुपीटर (Jupiter) के बाद हमारे सोलार सिस्टीम में छटे नंबर पर आता है. पृथ्वी से साधारण १.२ बिलियन किलोमीटर की दुरी पर है. शनी ग्रह सूर्य से ९.५ Astronomical युनिट की दुरी पर है. सुरज से इतनी दूर रहकर सुरज के चक्कर काटणे के कारण सुरज के प्रकाश को शनी तक फोहोंचने में करीब ८० मीनट का समय लाग जाता है यानी के जो प्रकाश हम तक पोहोंचाने में ८.५ मीनट का समय लेता है उसे शनी तक पोहोंचने में ८० मीनट लग जाते है.

Atmosphere (वातावरण और बादल) :
                                     शनी ग्रह का वातावरण बोहोत ही ज्यादा थिक यानी की भारी है जो हायड्रोजन और हेलियम से बना है इसी के साथ कूछ दुसरे गैसेस के भी अंश मिलते है जीनमे ज्यादातर मिथेन अमोनिया और पाणी के अंश (Water Vapor) है. शनी के वातावरण कि एक खास बात यह है कि इसके रंगीबेरंगी बादलों का समूह (Group) अलग अलग गैसेस को मिलकर बना है और वहां कि तेज हवावोंसे इन बादलोंमें लगातार हलचल (Motion) बनी रहती है इन बादलों का तापमान -१३९ डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है इसलिये शनी का उप्पर Temperature Low है और Lower Temperature बोहोत ज्यादा रहता है. और बादलों कि बात कि जाये तो शनी के बादल धरती के बदलोंसे बोहोत अलग है. शनी के बादल अमोनिया और बर्फ के कण से बने होते है जीसकी वजह से शनी ग्रह में Different type कि Stripes भी बन जाती है.
                                                                              शनी के वायुमंडल में ५०० मीटर प्रती सेकंद कि तेजी से हवायें चलती है जो बोहोत ज्यादा है जीसके कारण वायुमंडल में दबाव निर्माण हो जाता है और गैसेस को ज्यादा दबाव के कारण तरल रूप में बदल देती है.

Saturn Planate Color : 
                                              Saturn वायुमंडल अमोनिया, अमोनिया हायड्रोसल्फाईड और पाणी से बना है जिसके कारण याह ग्रह भुरे पिले रंग जैसा दिखाई देता है. Saturn के बहारी वातावरण में ९६.३ % हायड्रोजन और ३.२५ % हेलियम मौजूद है.

Saturn Internal Structure (अंतर्गत बनावट) :

शनी ग्रह एक गैसेस से बना हुवा है जिसका मतलब शनी पर कोई भी
ठोस जगह नही है जिसके कारण शनी के अंतर्गत बनावट को तीन लेयर में विभाजित किया गया है.
आउटर मोस्ट लेयर : जो कि हायड्रोजन गैस से बनी है.
मिडल लेयर जो लिक्विड मेटालिक हायड्रोजन से बनी है
इनर मोस्ट लेयर जो मोल्टन आयरन कोर से बनी हुई है.

मिडल लेयर जो लिक्विड मेटालिक हायड्रोजन से बनी है जिसके कारण शनी के सेंटर में बोहोत ज्यादा प्रेशर रहता है जिसके कारण वहां पर एक बोहोत ज्यादा ताकतवर Magnetic Field Generate होती है जो पृथ्वी के Magnetic Field से ५५० गुण ज्यादा है.

Orbit And Rotation (शनी अपनी धुरी पर और सूर्य कि परिक्रमा कैसे करता है) :                                                                                           शनी ग्रह पे सोलार सिस्टीम का दुसरा सबसे छोटा दिन देखणे को मिलता है. क्युकी शनी ग्रह अपनी अक्ष के २६.7३ डिग्री पर झुक कर काफी तेज घुमता है. शनी अपना एक चक्कर करीब १०.7 घंटे मेही खतम करता है, लेकीन शनी सुरज से इतनी दुरी पे स्थित है कि जिसके कारण उसे सुरज का एक चक्कर पुरा करणे में २९.४ साल लग जाते है.

it's raining diamonds on Saturn (शनी ग्रह पर होती है हिरो कि बारीश) :
                                                           शनी के रंगबिरंगे बादलोंमे काई सौ किलोमीटर नीचे जहां प्रेशर और टेम्परेचर काफी ज्यादा (High) होता है ऐसी जगहोंपर शनी के वातावरण में मौजूद गैस मॉलीकुल्स और प्रेशराइज्ड बोहोत ज्यादा गरमी (Heat) के कारण कॉम्प्रेस होकर ग्राफाईट बनते है जिसके बाद यह और प्रेशर और टेम्परेचर के कारण Reaction आगे बढती है जिसके कारण डायमंड बनते है. वैज्ञानिकों के अनुसार शनिके बादलोंमे बनणे वाले डायमंड क्रिस्टल Around १.० सेमी तक होते है जो बाद में धीरे धीरे शनी कि कोर कि ओर Move होणा शुरू होते है और अंत में शनी के कोर में चले जाते है. एक शोध के अनुसार अनुमान लागाय गया है कि शनी ग्रह पे एक साल के अंदर १००० टन के डायमंड की बारीश होती है.

Is life possible on Saturn (क्या शनी पे जीवन संभव है) :
                                                                          शनी ग्रह को अपनी ठोस जमीन नहीं होणे के कारण और उसी के साथ हेलियम और हायड्रोजन है जिसके कारण वहां पे जीवन पणपणे के लिये पोषक वातावरण नहीं है. शनी ग्रह का टेम्परेचर -१७५ डिग्री से -११३ डिग्री के बीच में रहता है और उसी के साथ रेडियेशन कि मात्रा भी बोहोत ज्यादा है.
              लेकीन शनी के चंद्रमा Titan और Enceladus पे जीवन के लिये अनुकूल वातावरण है, शनी के इस चंद्रमा के उपरी सतह पर बर्फ कि एक मोटी परत है और इस बर्फ के नीचे पाणी तरल रूप में मौजूद है. अगर पाणी तरल रूप में होगा तो जीवन होणे कि संभावना भी बढ जाती है.

Saturn Rings (शनी के छल्ले): 
                                                 शनी ग्रह के छल्ले इंसान को हमेशासेही आकर्षित करते रहे है. जिसमे मिलीमीटर से लेकर कई किलोमीटर तक आकार के Asteroid है, यह छल्ले शनी ग्रह कि निरंतर उसके चंद्रिरमा कि तरह परीक्रमा करते रहते है.
                                                 हम पृथ्वी से Special Telescope से ८ रिंग्स देख सकते है लेकीन जब नासा का १९८० में वायजर स्पेस क्राफ्ट (Voyager Space Craft) शनी के पास से गुजर रहा था तब नासा को शनी के छल्लो के बरे में विस्तृत जानकारी मिली जिसमे शनी ग्रह के लागभाग ३० रिंग्स कि खोज कि गई. वायजर स्पेस क्राफ्ट ने शनी कि कई सारी तस्वीरे ली जिसके सहारे हमें शनी के बरे में बोहोतसी जानकारी मिली. इसके बाद जब कॅसिनी (Cassini Mission) यान २००४ में भेजा गया तो याह पता चला कि Saturn रिंग्स अनागीनात है. यह छल्ले बर्फ के कण, धूल और छोटे - छोटे पत्थरोंके तुकाडोंसे बने हैं. जीनमे बडी चट्टानेंभी शामिल है जिन्हे शनी के चंद्रमा भी कहा जाता है जिनमेसे १४६ चंद्रमाओ को खोज लिया है जिसके साथ हि उन्हे नाम भी दिया गाया है. आणे वाले सलोंमे और चंद्रमा भी मिल सकते है.

Saturn Rings Structure (छल्लोंकी बनावट) :
                                                                                इन छल्लोंको सात भागोंमे बाटा गाया है, जिन्हे A,B,C,D,E,F & G इस अनुपात में नाम दिये गये है. यह सातो छल्ले अलग - अलग दुरी पर है और उसी के साथ ये शनी कि परिक्रमा करते वक्त इनकी गती भी अलग अलग होती है. शनी के छाल्लोंका फैलाव २८२००० किलोमीटर है लेकीन इनकी उंचाई सिर्फ ३० फीट है. शनी के छल्लोंकी घनत्व उंचाई और उसकी संरचना के वजह से इन छल्लोंकी बनावट बोहोतही ज्यादा Complicated और Dynamic है जीससे शनी अपने चंद्रमा कि Gravitational Interaction में है, इसी कि तरह शनी के छल्ले (Saturn Rings) भी Gravitational Interaction में है जिसके कारण इन रिंग्स में निरंतर अस्थिरता राहती है.

Saturn Rings Formation (छल्लोंका निर्माण) :
                                                                                  छल्लोंके के निर्माण के बरे में वैज्ञानिक अभी तक कोई ठोस सबूत नही खोज सके हैं, लेकीन अनुमान लागाय जाता है कि अरबो साल पहले शनी ग्रह का एक चंद्रमा रहा होगा जो शनी के चक्कर काटता रहता था लेकीन शनी ग्रह कि गुरुत्वाकर्षण के कारण वह चंद्रमा शनी के कोर कि ओर खिचता चला गया होगा जिसके कारण वह चंद्रमा टूटता गया और उसके अरबो-खरबो टुकडे हो गये और वही टुकडे आज भी शनी ग्रह के चक्कर काटते है शनी के चंद्रमा बन कर.

Saturn Location (शनी ग्रह कि सोलार सिस्टीम में जगह)
Saturn Location (शनी ग्रह कि सोलार सिस्टीम में जगह)

Saturn Moons (शनी के चंद्रमा):
                                                       शनी के कुल ८२ चंद्रमा हमने खोज लिये थे लेकीन पीछले कुछ सलोंमे (२०१९ - २०२१) के बीच हमने और ६३  चंद्रमा खोज लिये थे और इस साल २३ मे २०२३ को एक और चंद्रमा खोज लिया है आज कि तारीख में Saturn के चंद्रमाओंकी कुल संख्या १४६ है. 

Did you know about Saturn?
  1.  Saturn का घनत्व (Density) हमारे सौरमंडल में सबसे कम है जो 687kg/m3 यांनी पाणी से भी कम है.
  2.  Saturn का घनत्व (Density) कम होणे का कारण उसकी बनावट है जो कि हायड्रोजन और हेलियम जैसे गैसेस से बना है.
  3.   Saturn का तापमान लागभाग -१७५ डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाता है जो बोहोत ज्यादा ठंडा है.
  4.  Saturn यानी शनी ग्रह पे आणे वाले तुफानोंका आकार इतना बडा होता है कि उन्हे हमारी पृथ्वी से भी देखा जा सकता है, इन तुफानोंकी हमने एक नाम भी दिया है जिसे हम व्हाईट स्पॉट (White Spot) कहते है
  5. शनी ग्रह हमारे सौरमंडल में सबसे ज्यादा राडीयेषण उत्सर्जित करता है.
  6. एक अध्ययन के मुताबिक Saturn का चुंबकीय क्षेत्र उसके Rings को अपनी तराफ खींच रहा है और ऐसे हि चालता रहा तो अगले १०० मिलियन सालोंमे Saturn अपने रिंग्स को खो देगा. Rings में पाये जाणे वाले बर्फ के कण धूल से भरी बारीश करते है, और ऐसेही गुरुत्वाकर्षण द्वारा शनी के अंदर खींचे चले जा रहे है इस घटना को Ring Rain कहा जाता है.
  7. २०१९ में शनी ग्रह पृथ्वी के सबसे करीब था जो ८.०३ AU (Astronomical Unit) दूर था.
  8. Cassini (कॅसिनी) स्पेसक्राफ्ट को जानबुझकर २०१७ में शनी के वायुमंडल में नष्ट कर दिया गया.
  9. आज तक सिर्फ सिर्फ चार अंतरीक्ष यान शनी ग्रह पे भेजे गये है जीनामे नासा का Pioner II १९७९, इसके अगले हि साल १९८० में Voyager - I और १९८१ में  Voyager - II भेजा गया इसके २३ साल बाद यांनी २००४ में Cassini Mission भेजा गया जो अगले १३ साल तक शनी का अध्ययन करता रहा.
  10. How many moons in Saturn - आज कि तारीख में Saturn (शनी) के १४६ Moons (चंद्रमा) है.




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