अगर किसी तारे का कोई ग्रह अपने तारे के गोल्डी लॉक झोन के बहार है तो उस ग्रह पे हद से ज्यादा ठंड होगी और वहां का तापमान मायनस में हो जायेगा और उस ग्रह पे जो भी तरल पदार्थ होगा वह जम जायेगा जिसके कारण उस ग्रह पे जीवन पणपणे के लिये पोषक वातावरण नही मील पायेगा इसी के चलते यह ग्रह गोल्डी लॉक झोन से बहार हो जाता है.
इसके विपरीत अगर कोई ग्रह गोल्डी लॉक झोन के अंदर हो तो वह ग्रह अपने तारे के ज्यादा नजदीक होणे के कारण उस ग्रह पे जीवन के लिये आवश्यक सभी तरल पदार्थ ज्यादा गर्मी के कारण भाप बन जायेंगे या फिर उनका तापमान इतना ज्यादा होगा की किसी भी जीव का निर्माण संभाव नाही है, इन दोनों स्थितीयोंमे जीवन के लिये पोषक वातावरण नहीं बन साकेगा. लेकीन अगर गर्मी और ठंड का प्रमाण कुछ ऐसा हो जीससे उस ग्रह पर जीवन पणपणा संभाव हो तो उस ग्रह के परिक्रमा वाले क्षेत्र को गोल्डी लॉक झोन कहा जा सकता है.
लेकीन यह क्षेत्र निश्चित नही रहता है. अलग - अलग तारों के मामले में अलग - अलग रहता है, क्युंकी हर तारे की उष्णता अलग - अलग रहती है, जिसके कारण से अगर ज्यादा गर्मी वाला या युं कहो की ज्यादा पुराना तारा नही है तो वह ज्यादा गरम होगा तो उसका "गोल्डी लॉक झोन" थोडा दूर होगा, अगर कोई तारा अरबों सालों से है तो उसका "गोल्डी लॉक झोन" तारे के नजदीक होगा. यह स्थिती तारे के गर्मी पे तय होती है की कीस जगह पे बोहोत ज्यादा गर्मी है या ज्यादा ठंड.